Makar Sankranti 2020- Makar Sankranti Kab Hai ? मकर संक्रांति सम्पूर्ण जानकारी।

Makar Sankranti 2020 : Makar Sankranti Kab Hai
Makar Sankranti 2020 : Makar Sankranti Kab Hai
Makar Sankranti 2020 में Makar Sankranti Kab Hai ? क्या हैं Makar Sankranti in Hindi ? क्यों मनाया जाता हैं ? शुभमुहूर्त, पूजा-विधि, मकर संक्रांति के दिन क्या करें, कैसे मनायें ? मकर संक्रांति का क्या महत्व हैं ?  इन सभी प्रश्नो का हल आपको हमारे इस पोस्ट को अंत तक पढ़ने पर मिल जाएगा। साथ ही मकर संक्रांति का इतिहास और परम्परा से जुडी सभी रोचक जानकारियाँ आपको हमारे इस निबंध में पढ़ने को और जानने को मिल जाएँगी। Makar Sankranti in Hindi

मकर संक्रांति भी होलीदीपावलीविजयादशमी और नवरात्र की तरह मनाया जाने वाला एक प्रमुख त्यौहार हैं।भारत भूमि रंग-बिरंगे त्यौहारों की धरती हैं। जहाँ खूब उत्सव मनाया जाता हैं Makar Sankranti भारत में मनाये जाने वाले प्रमुख त्यौंहारों में से एक हैं। शरद ऋतू में मनाये जाने वाले मकर संक्रांति या अन्य कोई भी हिन्दू त्यौंहारों के पीछे एक गूढ़ रहस्य और विज्ञान छुपा होता हैं। यदि मकर संक्रांति मनाये जाने के पीछे के विज्ञान और उनके जनक लोगो पर रिसर्च हो जाये तो इतिहास को पुनः लिखने की जरुरत आन पड़ेगी।

हिन्दू धर्म के त्यौहारों में दुनिया की प्रत्येक वस्तु का समावेश होता हैं। इन उत्सवों के माध्यम से हिन्दू लोग जिव-प्राणु , पशु-पक्षी, जानवर, पेड़-पौधे अन्न यंत्र तंत्र सब चीज के प्रति अपना प्रेम और इस पृथ्वी को मनुष्य के रहने लायक बनाने में इन सभी के योगदान के लिए गौ पूजन, तुलसी पूजन, पीपल पूजन आदि के माध्यम से अपना धन्यवाद अर्पण करते हैं और इन सभी वस्तुओं को देव तुल्य मानकर अपने आने वाली भावी पीढ़ी को इन सभी वस्तुओं के संरक्षण और संवर्धन का सन्देश देती हैं।   Makar Sankranti in Hindi, Makar Sankranti Kab Hai, Makar Sankranti 2020



Makar Sankranti Kab Hai ?

इन्ही त्यौंहारों में से प्रमुख त्यौहार मकर संक्रांति कब है ? मकर संक्रांति क्या है ? इसके पीछे क्या इतिहास हैं क्या रहस्य हैं क्यों इस उत्सव को मनाना चाहिए आदि सभी विषयों पर प्रकाश डालने का प्रयास करते हैं। भगवान् सूर्य को समर्पित यह पर्व एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना के उपलक्ष्य में मनाया जाता हैं। इस दिन सूर्य के धनु राशि से  मकर राशि(अंतरिक्ष का एक भाग) में प्रवेश करते हैं। Makar Sankranti in Hindi

अधिकतर 14 जनवरी को मनाया जाने वाला मकर संक्रांति पर्व इस बार 15 जनवरी को मनाया जाएगा। लगभग 100 साल बाद इस पर्व का दिनांक में बदलाव आया हैं। प्रसिद्द ज्योतिष पंडित जयगोविंद शास्त्री जी का कहना हैं की इसमें कोई शक की गुंजाईश नहीं हैं की 2020 में मकर संक्रांति 15 जनवरी को मनाई जाएगी। 

इस निष्कर्ष के पीछे पंडित जी ने हिन्दू पंचांग और हिन्दू धर्म शास्त्रों के आज्ञा को बताया हैं। हिन्दू पंचांग या हिन्दू  वैदिक कैलेंडर पुरे विश्व का सर्वप्रथम और एक मात्र सटीक कैलेंडर हैं। जिसकी गणना प्रत्येक सृष्टि के आरम्भ से पहले ब्रह्मा और विष्णु के निर्माण के साथ ही शुरू होते हैं और इनके अंत के साथ ही ख़त्म हो जाते हैं।  Makar Sankranti in Hindi

हिन्दू पंचांग और धर्म शास्त्रों के अनुसार इस बार सूर्य का मकर राशी में प्रवेश 14 जनवरी को शाम 7 बजकर 50 मिनट पर हो रहा हैं। शास्त्रों के नियमानुसार यदि रात में संक्रांति हो तो अगले दिन सूर्योदय के बाद ही संक्रांति का उत्सव मनाया जाना चाहिए। और इस नियम के अनुसार मकर संक्रांति 14 को नहीं 15 जनवरी को मनाई जाएगी। उत्तरायण देवताओं का अयन हैं इस  शुभ समय और कार्य की शुरुआत होती हैं। Makar Sankranti Kab Hai


Makar Sankranti 2020 : Makar Sankranti Kya Hai ? 

खगोल शास्त्र में संक्रांति का अर्थ होता हैं प्रवेश करना जब कोई ग्रह किसी राशि में या नक्षत्र में प्रवेश करता हैं तो इस परिघटना को संक्रांति कहते हैं। शरद ऋतू में माघ महीने के आरम्भ में जब सूर्य धनु राशि से मकर राशि में प्रवेश करते हैं तो इस संक्रांति को मकर संक्रांति कहते हैं। पृथ्वी के गति के कारण इसी दिन सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण भी हो जाते हैं। सभी संक्रांतियों में मकर संक्रांति सबसे प्रमुख संक्रांति हैं। Makar Sankranti Kab Hai, Makar Sankranti 2020 : Makar Sankranti Kya Hai

यह त्यौंहार भगवान् सूर्य को समर्पित हैं। यह पर्व एक महत्वपूर्ण खगोलीय घटना का साक्षी रहता हैं सूर्य प्रत्येक साल पृथ्वी के गति के कारण दक्षिणायन से उत्तरायण भाग में आ जाते हैं और इसी के साथ सूर्य मकर राशि में भी प्रवेश करते हैं। 

सूर्य धरती पर पूर्व दिशा से उदित होकर 6 महीना दक्षिण भाग से होते हुवे तो 6 महीना उत्तर भाग से होकर पश्चिम में सूर्यास्त करता हैं। मकर संक्रांति के दिन ही सूर्य की गति के पथ में एक बड़ा परिवर्तन होता हैं। सूर्य दक्षिणायन से उत्तरायण हो जाते हैं। उत्तरायण देवताओं को समर्पित हैं कहा जाता हैं की उत्तरायण के दिन से देवताओं का दिन प्रारम्भ होता हैं। Makar Sankranti Kab Hai


दक्षिणायन को देवताओं की रात तो उत्तरायण समय को देवताओ का दिन भी कहा जाता हैं। वैदिक काल से ही दक्षिणायन को पितृयान तो उत्तरायण को देवयान कहा गया हैं। ऐसी भी मान्यता हैं की  उत्तरायण में जिसकी मृत्यु होती हैं उसे मोक्ष सुलभता से प्राप्त हो सकता हैं। मकर संक्रांति के बाद उत्तरायण में माघ मास में सभु शुभ कार्य किये जाते हैं।  

जानिए क्या हैं Makar Sankranti In Hindi
जानिए क्या हैं Makar Sankranti In Hindi

मकर संक्रांति मुहूर्त पुण्यकाल: कैसे मनाएँ ?

शास्त्रों के अनुसार मकर संक्रांति के समय पुण्यकाल संक्रांति से 6 घंटे पहले तथा संक्रांति के ख़त्म होने के 6 बाद तक रहता हैं। इसीलिए 14 जनवरी के 1 बजकर 26 मिनट से स्नान, ध्यान, दान किया जा सकता हैं तथा 15 जनवरी को ब्रह्ममुहूर्त से ही स्नान,ध्यान,दान पुरे दिन भर किया जा सकता हैं। मकर संक्रांति पर किया गया ध्यान  फल कई गुना बढ़कर दान और पूजा-पाठ करने वालो को मिलता हैं। Makar Sankranti Kab Hai

इस वर्ष यह मकर संक्रांति सोमवार को शुरू हो रही हैं हिन्दू शास्त्र के अनुसार सोमवार को पड़ने वाला संक्रांति ध्वांक्षी संक्रांति कहलाता हैं। इस संक्रांति में दान का बड़ा महत्व हैं। मान्यता हैं की इस संक्रांति में किये गए दान-पुण्य से लोक-परलोक दोनों में सुख और समृद्धि को प्रदान करने वाली होती हैं। 

माघे मासे महादेवः यो दास्यति घृतकम्बलम। स भुक्त्वा सकलान भोगान अन्ते मोक्षं प्राप्यति। 

अर्थात माघ मास में संक्रांति के शुभ अवसर पर स्नान और पूजा-अर्चना के बाद घी, कम्बल का दान करता हैं उसे वह सभी भोगो को भोग कर अंत में मोक्ष को प्राप्त करता हैं। इस अवसर पर ऊनि वस्त्र, जूते, भूमि, स्वर्ण या अन्न का दान कर सकते हैं। इस अवसर पर धार्मिक पुस्तकों को दान में बाटने का अपना अलग ही पुण्य फल हैं। आप चाहे तो रामायण, गीता, महाभारत, पुराण या आरती चालीसा का भी वितरण कर सकते हैं और पुण्य  भागी बन  सकते हैं।  


तिल-गुड़ के लड्डू और पकवान 

मकर संक्रांति के दिन पूजा-पाठ और मन्त्र जाप का विशेष लाभ मिलता हैं इस दिन सुबह-सुबह नहा धोकर सर्वप्रथम उगते सूर्य भगवान को जल में फूल-अक्षत डाल कर उनको अर्पण करना चाहिए। और उनसे बल, विद्या, बुद्धि का आशीर्वाद माँगना चाहिए। ऐसी मान्यता हैं की इस दिन किया गया दान सौ गुना बढ़कर पुनः प्राप्त होता हैं।

सर्दी के समय में वातावरण के साथ-साथ शरीर का भी तापमान बहुत कम रहता हैं। कम तापमान के चलते शरीर में रोग और बीमारी लगने का खतरा हमेशा बना रहता हैं। इसीलिए इन दिनों गुड़ और तिल से बने पकवान या मिष्ठान का सेवन शरूर को अंदरूनी गर्मी प्रदान करता हैं और शरीर के तापमान को संतुलित करने का कार्य करता हैं जिससे की शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता का वृद्धि होती हैं और शरीर स्वस्थ रहता हैं। 

इसीलिए मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर तिलवा, लाई गुड़ से बना रसियाव, गजक, रेवड़ी आदि का खूब निर्माण होता हैं और लोग आपस में एक दूसरे को बाटते भी हैं और खूब खाते भी हैं। हिन्दू धर्म के सभी त्यौहार मानव कल्याण के लिए विज्ञान के रूप से सभी मानव को मनाना जरुरी हैं।   

मकर संक्रांति के दिन पतंग उड़ाने की भी परम्परा रही हैं इस पर्व के अवसर पर समूचे भारत में खास करके बड़े शहरो में बच्चो और युवाओं के बिच में पतंग उड़ाने को लेकर एक खास उत्साह रहता हैं। पतंग महोत्सव भी इसी दिन मनाई जाती हैं तथा इस मकर संक्रांति पतंगमहोत्सव के नाम से भी जाना जाता हैं। Makar Sankranti Kab Hai 


Makar Sankranti Kab Hai - इतिहास 

हिन्दू धर्म में दक्षिणायन को नकारात्मक तो उत्तरायण को धनात्मक ऊर्जा का श्रोत मानती हैं। आधुनिक विज्ञान भी नार्थ पोल को पॉजिटिव तो साउथ पोल को नेगेटिव कहा हैं। उत्तरायण में प्रवेश करने के कारन इस पर्व को उत्तरायण पर्व भी कहते हैं। हिन्दू लोग हमेशा सकारात्मक रहने का प्रयास करते हैं इसीलिए इस पर्व का हिन्दू धर्म में बहुत महत्व हैं। 

द्वापरयुग में महाभारत काल के समकालीन महामहिम भीष्म पितामह को कौन नहीं जानता। प्रसिद्ध महाभारत युद्ध के दौरान अर्जुन के बाणों के शैय्या पर कई दिनों तक पितामह भीष्म सोये रहे और उन्होंने उत्तरायण  की प्रतीक्षा की। महामहिम भीष्म उत्तरायण और मकर संक्रांति के महत्व को जानते थे और इसी लिए उन्होंने अपनी इक्षा मृत्यु द्वारा इसी दिन को अपनी मृत्यु के लिया निश्चित किया और मकर संक्रांति के शुभ अवसर पर उन्होंने मानव शरीर को त्याग दिया और मोक्ष को प्राप्त किया। Makar Sankranti Kab Hai

मकर संक्रांति से जुडी एक और पौराणिक कहानी सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र के चौदहे पीढ़ी जन्मे भगीरथ महाराज से जुडी हुई हैं। पुराणों के अनुसार इसी दिन से माँ गंगा ब्रह्म लोक से पृथ्वी पर भागृथ के पीछे-पीछे कपिल ऋषि के आश्रम से होते हुवे सागर में जा मिली थी।
यह बहुत ही पुण्य पर्व हैं तथा पुरे भारत और नेपाल में यह पर्व बड़े धूम-धाम से मनाया जाता हैं। Makar Sankranti Kab Hai

उत्तरायण का महत्व भगवान् श्री कृष्ण ने महान ज्ञान गीता में बताते हुवे कहा हैं की - 'उत्तरायण के 6 महीने के शुभ काल में जब सूर्यदेव उत्तरायण होते हैं और पृथ्वी प्रकाशमय रहती हैं तो प्रकाश में यदि कोई शरीर का त्याग करने से जन्म-मरण से मुक्ति मिलती हैं और फिर उस मानव का पुनर्जन्म नहीं होता। उसे स्वतः मोक्ष की प्राप्ति होती हैं। यही कारण था की पितामह भीष्म ने मकर संक्रांति के दिन को ही शरीर परित्याग करने का निर्णय लिया था।

Makar Sankranti In Hindi - मकर संक्रांति के अनेक नाम 

विभिन्न भौगोलिक, सांस्कृतिक और परम्पराओं में विविधता के कारण मकर संक्रांति को दक्षिण भारत में पोंगल तो उत्तर भारत में लोहड़ी तो खिचड़ी या माघी नहीं तो उतरायण और पतंगोत्सव के नाम से भी जाना जाता हैं। वही मध्य भारत और पश्चिम भारत में इसे संक्रांति के नाम से जाना जाता हैं। माघ महीने के आरम्भ में ही पड़ने के कारण इस उत्सव को माघी भी कहा जाता हैं। Makar Sankranti Kab Hai

इस दिन से वसंत ऋतू की शुरुआत भी हो जाती हैं। पुरे भारत में फसलों के लहलहाने की ख़ुशी में भी यह पर्व मनाया जाता हैं। खेतो में 6 महीने होने वाले खरीफ फसलें कट चुकी होती हैं साथ ही रबी की फसल खेतों में लहलहा रहे होते हैं। इसीलिए इस पर्व को पंजाब के आस-पास के क्षेत्रो में लोहड़ी के नाम से जाना जाता हैं। इस समय खेतो में सरसो की पिली फूल से पूरा खेत-खलिहान पूरा भारत जगमगा उठता हैं। Makar Sankranti Kab Hai

Makar Sankranti 2020 : Makar Sankranti Kya Hai
Makar Sankranti 2020 : Makar Sankranti Kya Hai


मकर संक्रांति को उत्तर भारत में खिचड़ी, माघी या पतंगोत्स्व के नाम से भी जाना जाता हैं। मकर संक्रांति के उपलक्ष्य में नाना प्रकार के मिष्ठान तथा भोजनो का निर्माण होता हैं जिसमे खिचड़ी प्रमुख हैं। इस उत्सव पर मुख्यतः रूप से विभिन्न प्रकार की खिचड़ी बनती हैं इसीलिए यह उत्सव खिचड़ी के नाम से भी प्रसिद्ध हैं।


Maker Sankranti 2020 हमारा अनमोल बैद्धिक विरासत 

हजारो सालो से यह त्यौहार ठीक इसी दिन मनाया जाता रहा हैं हजारों साल पहले हिन्दू लोगो को सूर्य के बारे में, अंतरिक्ष के बारे में साथ ही अंतरिक्ष की मैपिंग के कला में या सूर्य और सौर्य मंडल के बारे में वस्तृत जानकारी थी, फिर भी हम हिन्दू आजके समय में प्रिमिटिव बन के रह गए हमने अपना वह अमूल्य धरोहर खो दिया जिसने हमें सोने का हाथी और विश्व गुरु बनाया था। क्या हम अंग्रेजी पढ़ कर पुनः विश्व गुरु बन सकते हैं ?

भारत सरकार को उस शिक्षा प्रणाली को बढ़ावा देना चाहिए इस शिक्षा प्रणाली ने भारत को विश्व गुरु बनाया था सारा ज्ञान-विज्ञान भारत की धरती पर हजारो सालो पहले खोजा जा चूका हैं। Makar Sankranti 2020, Makar Sankranti in Hindi, Makar Sankranti Kab Hai. 


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