Jitan Ram Manjhi and Rat.

 Jitan Ram Manjhi And Rat.दुनिया में यदि सबसे निम्न श्रेणी का कोई कार्य हो सकता हैं तू वो चूहा मारकर खाना ही हैं। कहने को तो कहा जाता रहा की मुघलो, अंग्रेजो जैसी विदेशी आक्रांताओं के दमन के चलते भारतीय सनातन तंत्र टुटा फलस्वरूप भुखमरी, गरीबी आदि समस्याओं ने घनघोर रूप लिया जिस वजह से कुछ लोग चूहों को ही मार कर खाना अपने अस्तित्व की रक्षा का एक मात्र मार्ग खोजा।

अब प्रश्न यह उठता हैं की यही कुछ लोग तो विदेशी आक्रांताओं के दमन का शिकार नहीं बने पूरा हिन्दू समाज बना सबने अलग अलग मार्ग निकाला लेकिन चूहा मार कर नहीं खाया।

आपके समाज ने चूहा खाया क्युकी आपके मुखिया जीतन राम माँझी जैसे थे जो मांझी के नाम पर कलंक हैं एक भारत रत्न दशरथ माझी जी थे एक ये हैं। आप जीतन राम माँझी को देख लीजिये साफ़ मुस या चूहा जैसा दीखता हैं।

लगभग २००० से ३००० वर्ष पूर्व तक यह समुदाय बहुत विकसित हुआ करता था समुद्र शास्त्र से लेकर नौकायन के विशिष्ट ज्ञान का भी जानकारी था। इनके कई जमींदारी की बात तो छोड़ दीजिये राजवाड़े थे।

भारत उस समय सोने की चिड़िया कहलाता था। पुरे विश्व के अर्थव्यवस्था में आधे से ज्यादा का शेयर भारत वर्ष का था इन सभी व्यापारों का जो पश्चिम में अमेरिका पूर्व में ऑस्ट्रेलिया तक फैला था अधिकतर जल मार्ग का ही प्रयोग होता था ये मांझी समुदाय ही था जिसने भारत को की चिड़िया बनाने में अहम् भूमिका निभाई थी।

लेकिन जीतन राम मांझी जैसे वर्ण संकरो की वजह से ये आज भी मुसहर नाम सम्बोधित होते हैं और आज भी अछूत की श्रेणी में आते हैं। जो बहुत दुःखद हैं।

यदि यह समुदाय जीतन राम मांझी जैसे लोगो के पद चिन्हों पर चलेगा तो स्थिति में सुधर की सम्भावना का पूर्णतः लोप हो जायेगा।


Jitan Ram Manjhi and Rat.
Jitan Ram Manjhi and Rat. 


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