समय-समय महापुरुषों द्वारा सत्संग किया जाता रहा हैं। महापुरुषों के मुखसे अमृतमय अमूलय वचन सुनने के बॉस जिन्हे हम काम में लावे तो हमारे गृहस्थ जीवन में बड़ी शांति मिल सकती हैं। हमारे व्यापर का सुधार हो सकता हैं , उच्चकोटि का व्यवहार हो सकता हैं तथा उन बातो को काम में लाकर हम गृहस्थ में रहते हुवे व्यपार करते हुए भगवद्प्राप्ति कर सकते हैं। ऐसे समझने में सरल, उपयोगी, अमूल्य वचन बहुत कम उपलब्ध होते हैं।हमें आशा हैं की पाठकगण इन वचनो को ध्यान से पढ़कर मनन करेंगे एवं जीवन में उतारने का प्रयास करके विशेष आध्यात्मिक लाभ उठायेंगे।
आदि गुरु शंकराचार्य आत्मषटकम |
सिख धर्म पहले गुरु गुरु नानक देव |
हर हर महादेव _/_