राइट ब्रोदर ने 1909 में सफलता पूर्वक यह कारनामा कर दिखाया था। लेकिन राइट ब्रदर भले ही इतिहास में फेमस हो लेकिन इनसे पहले भी दो लोग ऐसे थे जिन्होंने हवाई जहाज जैसी क्रांति कारी खोज की और अपना नाम विश्व विमानन इतिहास में अमर कर लिया पहले खोजकर्ता पहले व्यक्ति ब्राजील निवासी अल्बर्टो सैंटोस डूमोंट ने राइट ब्रदर से 17 दिसम्बर 1901 में एफिल टावर के आस पास सर्वप्रथम इतिहास में कंट्रोल्ड बैलून जहाज़ उड़ाया था।
लेकिन एक व्यक्ति और था जिसे उसके अपने ही देश के लोगो ने भी भुला दिया पाठ्य पुष्तक में पढ़ाना तो दूर उनके नाम पर शायद आज तक कोई संगोष्ठी भी आयोजित नहीं हुआ। उस वैज्ञानिक का नाम शिवकर बापूजी तलपड़े था जिन्होंने राइट ब्रदर या अल्बर्टो से लगभग 10 साल पहले 1895 मुंबई चौपाटी बिच पर बिना मानव के विमान उड़ा के दिखाया था जो 1500 फिट की उचाई तक उड़ा था।
लार्ड मकौले ने २५ वर्ष तक संस्कृत में हिन्दू ग्रंथो का अध्यन किया। भारत को ज्ञान रूप से इतना समृद्ध देख कर उसको विस्वास हो गया की बौद्धिक ज्ञान विज्ञान के समृद्धि की वजह से वो लम्बे समय तक भारत को गुलाम बनाने में असफल रहेंगे। अतः उसने हमारे धर्म ग्रंथो में मिलावट तथा झूठी बातो का प्रचार प्रसार करना शुरू किया और राम और पुष्पक विमान को कोरी कल्पना कहना शुरू कर दिया वो कहते की दिखाओ कहा कुछ हवा में उडाता हैं यह रामायण काल्पनिक हैं लेकिन अंग्रेजो ने यह नहीं समझ की कल्पना ही अविष्कार की जननी हैं यदि रामायण के रचनाकार वाल्मीकि की यह कल्पना ही थी तो ऐसा सही कल्पना करने वाला पुरे विश्व में कोई नहीं था।
शिवकर बापूजी तलपड़े ने इस कथित कल्पना को सत्य सिद्ध करने में कोई कसर नहीं छोड़ी और अंग्रेजो के सामने गुलामी के काल में ही शिवकर बापूजी तलपड़े ने अपने संस्कृत ज्ञान से वेद उपनिषद के ज्ञान से विश्व का सबसे पहला हवाई जहाज बना के दिखा दिया। बचपन से ही मेधावी शिवकर बापूजी तलपड़े का जन्म 1865 ईस्वी में मुंबई में पैदा होने वाले शिवकर बचपन से ही मेधावी क्षात्र में उनकी शिक्षा गुरुकुल में संस्कृत ग्रंथो वेद पुराणों को पढ़ते हुवे बिता बचपन से ही कुछ नया करने की सोचते थे और अपनी पत्नी और गुरु के माध्यम से नए युग में भी सर्वप्रथम हवाई जहाज बना के दिखाने का साहस किया।
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